Tuesday, October 22, 2013

आज का विचार 22.10.2013 से.3 रोहणी दिल्ली-85
क्वचिद बुधेरन मोक्तव्यो मन्त्रोयं दुर्लभो ह्यद:
वाचो वा विश्वकल्याण सिद्धयै तद्विघ्नहानये

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 22.10.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि विद्वानों को विश्वकल्याण की सिद्धि के लिए तथा विश्वविघ्नों को नष्ट करने के लिए कहीं भी इस दुर्लभ मन्त्र को ह्यदय तथा वचन से नहीं छोड़ना चाहिए.
विशेष > श्रमण मुनि श्री108विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
26.10.2013 को भक्तामर स्तोत्र का अखण्ड 24 घंटे का पाठ एवं 27.10.2013को प्रात: भक्तामर महामण्डल विधान का आयोजन





























सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254

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