Monday, October 21, 2013

आज का विचार 21.10.2013 से.3 रोहणी दिल्ली-85
शतमष्टोत्तरम यस्य त्रिशुद्धया चिन्तयन् मुनि:
भुन्जानोपि चतुर्थस्य प्राप्नोत्यविकलं फलम्

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 21.10.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि जो मुनि इस मन्त्र का मन, वचन, काय की शुद्धिपूर्वक एक सौ आठ बार चिंतन करता है, वह आहार करता हुआ भी एक उपवास का पुण्य फल प्राप्त करता है.
विशेष > श्रमण मुनि श्री108विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
26.10.2013 को भक्तामर स्तोत्र का अखण्ड 24 घंटे का पाठ एवं 27.10.2013को प्रात: भक्तामर महामण्डल विधान का आयोजन

सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254














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