आज का विचार 24.10.2013 से.3 रोहणी दिल्ली-85
अपवित्र: पवित्रो वा सुस्थितो दु:स्थितोपि वा
ध्यायेत्पञ्चनमस्कारं सर्वपापै: प्रमुच्यते
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 24.10.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि अपवित्र हो चाहे पवित्र हो, सुस्थित हो चाहे दु:स्थित हो, जो नमस्कार मन्त्र का ध्यान करता है, वह सब पापो से मुक्त हो जाता है.
विशेष > श्रमण मुनि श्री108विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
26.10.2013 को भक्तामर स्तोत्र का अखण्ड 24 घंटे का पाठ एवं 27.10.2013को प्रात: भक्तामर महामण्डल विधान का आयोजन
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254
अपवित्र: पवित्रो वा सुस्थितो दु:स्थितोपि वा
ध्यायेत्पञ्चनमस्कारं सर्वपापै: प्रमुच्यते
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 24.10.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि अपवित्र हो चाहे पवित्र हो, सुस्थित हो चाहे दु:स्थित हो, जो नमस्कार मन्त्र का ध्यान करता है, वह सब पापो से मुक्त हो जाता है.
विशेष > श्रमण मुनि श्री108विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
26.10.2013 को भक्तामर स्तोत्र का अखण्ड 24 घंटे का पाठ एवं 27.10.2013को प्रात: भक्तामर महामण्डल विधान का आयोजन
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254
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