Sunday, July 7, 2013

आज का विचार 07.6.2013

नृपेषु चक्री त्रिदशेषु वज्री म्रगेषु सिह: प्रशमो व्रतेषु
मतो महीभ्रत्सु सुवर्ण शैलो भवेषु मानुष्य भव: प्रधान:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 07.6.2013 श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ मंदिरa-3 से.16रोहणी,दिल्ली-89 में मुनि श्री ने कहा कि >जिस प्रकार राजाओं में चक्रवर्ती, देवों में इंद्र, मृगों में सिंह, व्रतों में प्रशम और पर्वतों में सुमेरु पर्वत माना गया है उसी प्रकार सब भवों में मनुष्य भव प्रधान माना गया है.
नोट>परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी मुनिराज ससंघ का 8.7.2013 को सुबह 5.00बजे से.16रोहणी के लिए विहार होगा.श्री 1008 शान्तिनाथ मंदिर,a-3से.16रोहणी, दिल्ली-89में विराजमान है. 
सम्पर्क सूत्र>9810534372,8882597474,09582492542
विशेष-आगामी 2013का चातुर्मास श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर से.3 रोहणी दिल्ली85 में होगा.
सम्पर्क सूत्र-9899948475

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