Monday, May 6, 2013

आज का विचार 6.5.2013 विकासपुरी नई दिल्ली 58
श्रुतं विनयतोधितं प्रमादादपि विस्म्रतम 
प्रेत्योपतिष्ठतेनूनमावहत्यपि केवलम्

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 6.5.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर विकासपुरी,नई दिल्ली58 में कहा कि विनय से पढ़ा हुआ शास्त्र प्रमाद से यदि विस्मृत भी हो जाता है तो वह भवान्तर में नियम से प्राप्त हो जाता है.
विशेष > श्रमण विशोक सागर जी मुनिराज के ससंघ दिगंबर जैन मंदिर नियर एम-11 विकासपुरी नई दिल्ली-18 में विराजमान रहेगे.
सम्पर्क सूत्र >9212281807,09582492542

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