Tuesday, May 7, 2013

आज का विचार 7.5.2013 विकासपुरी नई दिल्ली 58
मार्ज्यमान: सदा यद्वद दर्पनो निर्मलो भवेत् 
ज्ञानाभ्यासात्तथा पुंसां बुद्धिर्भवति निर्मला 

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 7.5.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर विकासपुरी,नई दिल्ली58 में कहा कि जिस प्रकार सदा मांजा जाने वाला दर्पण निर्मल रहता है उसी प्रकार ज्ञानाभ्यास से पुरुषों की बुद्धि निर्मल रहती है.
विशेष > श्रमण विशोक सागर जी मुनिराज के ससंघ दिगंबर जैन मंदिर नियर एम-11 विकासपुरी नई दिल्ली-18 में विराजमान रहेगे.
सम्पर्क सूत्र >9212281807,09582492542

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