Friday, May 17, 2013

आज का विचार 17.5.2013 से.8 रोहणी, नई दिल्ली 85
व्रतेन सौख्यं सुव्रतेन योषितो,व्रतेन नाको नरनाथसम्पद:
व्रतेन सिद्धिर्व्रतत: सुकीर्ति, व्रतेन न्रनाम सुलभं हि दुर्लभम

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 17.5.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर से.8 रोहणी,नई दिल्ली-85 में मुनि श्री ने कहा कि >व्रत से मनुष्य को सुख,उत्तम व्रत से स्त्रियाँ, स्वर्ग, राज्य संपदाएं,सिद्धि और सुकीर्ति प्राप्त होती है. अधिक क्या, व्रत से दुर्लभ वस्तु भी सुलभ हो जाती है. 
नोट>परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी मुनिराज का ससंघ 18.6.2013को प्रात:5.15बजे से.8 रोहणी से श्री दिगंबर जैन मंदिर सी.पी.ब्लाक पीतमपुरा दिल्ली-88 के किए विहार होगा.
सम्पर्क सूत्र>9810264144,9810088875,09582492542
विशेष >26मई 2013को 8.00बजे श्री दिगंबर जैन मंदिर d-6/1माडल टाउन,दिल्ली-9 में परम पूज्य श्रमण 108श्री विशोक सागर जी मुनिराज का भव्य केशलोंच समारोह देखना न भूले.09818115566,09810148484




















































1 comment:

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