Wednesday, May 15, 2013

आज का विचार 15.5.2013 पश्चिम विहार, नई दिल्ली 57 
शास्त्रान्यधीत्यापि भवन्ति मुर्खा,यस्तु क्रियावान पुरुष:स विद्वान 
सुचिन्तितं चौषधमातुराणाम् न नाम मात्रेण करोत्य रोगम 

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 15.5.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर पश्चिम विहार,नई दिल्ली-57 में मुनि श्री ने कहा कि > शास्त्रों को पढ़कर भी मनुष्य मूर्ख रहते है परन्तु जो क्रियावान चारित्रवान है वह विद्वान कहलाता है.क्योकि अच्छी तरह जिसका विचार किया गया है ऐसी औषध नाम मात्र से रोगियों के रोग का अभाव नहीं करती .
नोट>परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी मुनिराज का ससंघ 16.6.2013को प्रात:5.15बजे पश्चिम विहार से सी-ब्लाक श्री दिगंबर जैन मंदिर मार्ग सैक्टर-8 रोहणी दिल्ली-85 के किए विहार होगा.
सम्पर्क सूत्र>9811054560,9810263009,09582492542
विशेष >26मई 2013को 8.00बजे श्री दिगंबर जैन मंदिर d-6/1माडल टाउन,दिल्ली-9 में परम पूज्य श्रमण 108श्री विशोक सागर जी मुनिराज का भव्य केशलोंच समारोह देखना न भूले.09818115566,09810148484














































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