आज का विचार 01.4.2013 नगलीडेरी नई दिल्ली
भव भुजग नाग दमनी दु:खमहादावशमन जल वृष्टि:
मुक्ति सुखामृतसरसी जयति द्रगादित्रयी सम्यक
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 01.4.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर नगलीडेरीनई दिल्ली-4 में कहा कि >जो संसार रूपी सर्प के लिए नागदमनी औषध है, दुःखरूपी महान दावानल को शांत करने के लिए जलवृष्टि है तथा मुक्ति सुखरूपी सुधा की सरोवरी है,वह सम्यग़दर्शनादित्रयी जयंत परवर्तती है.
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन मन्दिर नगलीडेरी दिल्ली43 से 01.4.2013को 4.00बजे विहार श्री दिगम्वर जैन मंदिर उत्तमनगर नई दिल्ली के लिए विहार होगा.वहां 1 से10अप्रैल तक वहीँ रहेगें.
सम्पर्क सूत्र >09210843180,09582732349
भव भुजग नाग दमनी दु:खमहादावशमन जल वृष्टि:
मुक्ति सुखामृतसरसी जयति द्रगादित्रयी सम्यक
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 01.4.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर नगलीडेरीनई दिल्ली-4 में कहा कि >जो संसार रूपी सर्प के लिए नागदमनी औषध है, दुःखरूपी महान दावानल को शांत करने के लिए जलवृष्टि है तथा मुक्ति सुखरूपी सुधा की सरोवरी है,वह सम्यग़दर्शनादित्रयी जयंत परवर्तती है.
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन मन्दिर नगलीडेरी दिल्ली43 से 01.4.2013को 4.00बजे विहार श्री दिगम्वर जैन मंदिर उत्तमनगर नई दिल्ली के लिए विहार होगा.वहां 1 से10अप्रैल तक वहीँ रहेगें.
सम्पर्क सूत्र >09210843180,09582732349
No comments:
Post a Comment