Saturday, March 30, 2013

आज का विचार 30.3.2013नजफ़गढ़ नई दिल्ली
भज रत्नत्रयम प्रत्नम भव्य लोकैक भूषणम
तोषणम मुक्ति कान्ताया: पूषणम ध्वान्तसंतते:













परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 30.3.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर नई दिल्ली-4 में कहा कि > जो भव्यजीवों का अद्वितीय आभूषण है, मुक्ति स्त्री को संतुष्ट करने वाला है तथा अज्ञानकारक की संतति को नष्ट करने के लिए सूर्य है, उस श्रेष्ट रत्नत्रय की उपासना करो. 
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन मन्दिर नजफगढ़ दिल्ली43 से 30.3.2013को 4.00बजे विहार श्री जय जय पार्श्वनाथ दिगम्वर जैन मंदिर निरंजन पार्क नगलीडेरी मेन नजफ़गढ़ नई दिल्ली43 के लिए विहार होगा.वहां 31मार्च एवं 1अप्रैल को वहीँ रहेगें.
सम्पर्क सूत्र >09210843180,09582732349

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