आज का विचार 26.3.2013 नजफगढ नई दिल्ली
प्रमत्त मुख्येषु पदेषु सार्ध, दीप द्वये ये युगपद भवन्ति
उत्कर्षतस्तान नवकोटि संख्यान, वन्दे त्रिसंख्या रहितान्मुनिंद्रान
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 26.3.2013 को श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर नजफगढ नई दिल्ली-43 में कहा कि >अढाई द्वीप सम्बन्धी
प्रमत्तसंयातादि गुणस्थानों में एक साथ उत्कृष्ट संख्या में विद्यमान तीन कम नौ करोड़ मुनिरानों को मैं नमस्कार करता हूँ.
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ श्री अग्रवाल दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मन्दिर मेन बाजार नजफ़गढ नई दिल्ली43 में 30 मार्च तक विराजमान है.
सम्पर्क सूत्र >09582732349
प्रमत्त मुख्येषु पदेषु सार्ध, दीप द्वये ये युगपद भवन्ति
उत्कर्षतस्तान नवकोटि संख्यान, वन्दे त्रिसंख्या रहितान्मुनिंद्रान
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 26.3.2013 को श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर नजफगढ नई दिल्ली-43 में कहा कि >अढाई द्वीप सम्बन्धी
प्रमत्तसंयातादि गुणस्थानों में एक साथ उत्कृष्ट संख्या में विद्यमान तीन कम नौ करोड़ मुनिरानों को मैं नमस्कार करता हूँ.
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ श्री अग्रवाल दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मन्दिर मेन बाजार नजफ़गढ नई दिल्ली43 में 30 मार्च तक विराजमान है.
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