Tuesday, March 19, 2013











आज का विचार 19.3.2013 पालम गाँव नई दिल्ली45
यदि रामा यदि च रमा यद्यपि तनयो विनयगुनोपेत:यदि तनये तनयोत्पत्ति: सुरवरनगरे किमाधिक्यम 
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 19.3.2013 श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ मंदिर पालम गाँव नई दिल्ली-45 में कहा कि >स्वर्ग कहाँ है? स्वर्ग आकाश में नहीं है, स्वर्ग इसी भूतल पर है.पत्नी से आशय सिर्फ रूप की सुन्दरता से नहीं है बल्कि गुण कि सुन्दरता से भी है. गुण की सुन्दरता महान बतायी गयी है. पत्नी यदि पति धर्म निभाने वाली हो तो तभी पुरुष के लिए पृथ्वी स्वर्ग समान है.इसी प्रकार पुत्र आदि आज्ञाकारी हो तभी पुत्र का होना सार्थक है अन्यथा इस पृथ्वी के बजाय नरक समान बन जाती है.
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ मन्दिर पालम गाँव नई दिल्ली45 से 19.3.2013को 3.00बजे विहार श्री जय जय पार्श्वनाथ दिगम्वर जैन मंदिर निरंजन पार्क नगलीडेरी में नजफ़गढ़ नई दिल्ली43 रात्रि विश्राम,20.3.2013को 7.00बजे नजफ़गढ़ के लिए विहार होगा.
सम्पर्क सूत्र >9213432359,09899406854,

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