आज का विचार 08.3.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर से.4 आर. के. पुरम दिल्ली
अशक्तस्तु भवेत्साधुरब्रह्मचारी च निर्धन:
व्याधिष्ठो देवभक्तश्च वृद्धा नारी पतिव्रता
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 08.3.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर से.4 आर. के. पुरम दिल्ली में कहा कि शक्तिहीन पुरुष प्राय:ब्रह्मचारी बन जाता है और निर्धन तथा आजीविका कमा पाने में अयोग्य व्यक्ति साधु बन जाता है, किन्हीं असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्ति देवों का भक्त बन जाता है तथा बूढी स्त्री पतिव्रता बन जाती है.
विवशता में अपना रास्ता या स्वभाव बदल कर चलने वाले व्यक्ति का विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि वह फिर कभी वापस पलट सकता है. जो कर्म सच्चे मन से किया जाए वही सच्चा धर्म है.
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ का 9.3.2013 को श्री दिगंबर जैन मंदिर,बी-7, भगवान् महावीर मार्ग वसंत कुंज, नई दिल्ली-110070 के लिए 7.30बजे सुबह होगा.
सम्पर्क सूत्र > 09899406854,09582041206,093120
No comments:
Post a Comment