Thursday, March 7, 2013

आज का विचार 07.3.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर से.4 आर. के. पुरम दिल्ली
पिता रत्नाकरो यस्य लक्ष्मीर्यस्य सहोदरा 
शंखो भिक्षाटनम कुर्यान्नादत्तमुपतिष्ठते 

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 07.3.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर से.4 आर. के. पुरम दिल्ली में कहा कि जिसका पिता रत्नों का भंडार समुद्र है.जिसकी बहिन लक्ष्मी है, शशि के समान चमकता हुआ ऐसा शंख भीख मांगता फिरे तो समझना चाहिए कि बिना दिया हुआ प्राप्त नहीं होता 








जो व्यक्ति दान देता है उसे भी बदले में कुछ प्राप्त होता है.दुखों: से बचने और सुखों की प्राप्ति के लिए दान देना चाहिए .
परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ का -श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर से.4 आर.के. पुरम दिल्ली में विराजमान हैं.
सम्पर्क सूत्र > 09899406854,09582041206,09312099136

No comments: