Wednesday, January 16, 2013

आज का विचार 16.1.2013 अलवर [राज.]
अनंतशास्त्रं बहुलाश्च विद्या: अल्पश्च कालो बहुविघ्नता च 
यत्सारभूतं तादुपासनियम, हंसो यथा क्षीरमिवाम्बुमध्यात

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 16.1.20.13 को श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर स्कीम 10 अलवर [राज.] में कहा कि धर्मशास्त्र अनंत हैं और विद्याएं भी बहुत है. निश्चय ही समय बहुत थोड़ा है और विघ्न बहुत है. अत: इन शास्त्रों में जो सार, तत्व हो वही ग्रहण करने योग्य है जैसे हंस दूध और पानी के मिश्रण में से दूध को ही ग्रहण करता है.
आज उपाध्याय निर्भय सागर से अलवर [राज.] में मिलन हुआ.21जनवरी तक अलवर में ही रहेगें.
२२को अलवर से विहार तिजारा जी के लिए 25को मंगल प्रवेश होगा 
26.जनवरी को तिजारा जी में ही द्वय मुनिराजों का भव्य केशलोंच समारोह 
सम्पर्क सूत्र > 9772726121,8882597474

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