आज का विचार 22.11.2012 बस्सी [जयपुर] रा.
पुनर्वित्तम पुनर्मित्रम पुनर्भार्या पुनर्मही
एतत्सर्वं पुनर्लभ्यम न शरीरं पुन: पुन:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ बड़ा मंदिर मेन मार्केट बस्सी [जयपुर] राज. में कहा कि नष्ट हुआ धन,छूटे मित्र,खोई हुई धरती तथा मर गई स्त्री आदि सब-कुछ दुबारा मिल सकता है. भाग्य बदलने पर धन-संपत्ति,मित्र आदि तो मिलते ही हैं,पुनर्
पुनर्वित्तम पुनर्मित्रम पुनर्भार्या पुनर्मही
एतत्सर्वं पुनर्लभ्यम न शरीरं पुन: पुन:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ बड़ा मंदिर मेन मार्केट बस्सी [जयपुर] राज. में कहा कि नष्ट हुआ धन,छूटे मित्र,खोई हुई धरती तथा मर गई स्त्री आदि सब-कुछ दुबारा मिल सकता है. भाग्य बदलने पर धन-संपत्ति,मित्र आदि तो मिलते ही हैं,पुनर्
विवाह से पत्नी का भी अभाव नहीं रहता. इस प्रकार ये सब पृथ्वी पर कहीं भी मिल जाते हैं किन्तु एक बार नष्ट हुआ मानव-शरीर पुन:प्राप्त नहीं होता. इस प्रकार इन सबको अपेक्षा शरीर का महत्त्व अधिक है,क्योकि शरीर के रहने पर ही इनसे सम्बन्ध हो सकता है.
मानव-शरीर बार-बार नहीं मिलता,इस शरीर को पूरे मानव-धरम की तरह इस्तेमाल करना चाहिए
प.पू. श्रमण 108 विशोक सागर जी मुनिराज ससंघ के सानिध्य में 20.11.2012 से 28.11.2012 तक
मानव-शरीर बार-बार नहीं मिलता,इस शरीर को पूरे मानव-धरम की तरह इस्तेमाल करना चाहिए
प.पू. श्रमण 108 विशोक सागर जी मुनिराज ससंघ के सानिध्य में 20.11.2012 से 28.11.2012 तक
अष्टानहिका पर्व में सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन
आप सभी सादर आमंत्रित है
बाहर से विधान में बैठने वालो की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है.
विशेष जानकारी के लिए फोन करे >09772726121 पर
बाहर से विधान में बैठने वालो की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है.
विशेष जानकारी के लिए फोन करे >09772726121 पर
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