आज का विचार 19.11.2012 बस्सी [जयपुर] रा.
प.पू. श्रमण 108 विशोक सागर जी मुनिराज ससंघ के सानिध्य में 20.11.2012 से 28.11.2012 तक अष्टानहिका पर्व में सिद्धचक्र महामंडल विधान
का आयोजन आप सभी सादर आमंत्रित है
बाहर से विधान में बैठने वालो की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है.
युगानते प्रचलते मेरु: कल्पान्ते सप्त सागरा:
साधव: प्रतिपन्नार्थान न चलन्ति कदाचन
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ बड़ा मंदिर मेन मार्केट बस्सी [जयपुर] राज. में कहा कि युग के अंत में सुमेरु पर्वत का चलायमान होना संभव है,कल्प के अंत में सातों समुद्रों का अपनी मर्यादाका त्याग संभव है, परन्तु सज्जन-महात्मा युग-युगांतर में भी अपनी संकल्प एवं अपनी प्रतिज्ञा से कभी विचलित नहीं होते. वे अपने निश्चय पर सदैव अडिग रहते हैं,अत: उनका कथन सदैव विश्वसनीय होता है. आकाश ,पाताल ,चाहे बदल जाएं पर सज्जन व्यक्ति अपने वचन से नहीं बदलते . प.पू. श्रमण 108 विशोक सागर जी मुनिराज ससंघ के सानिध्य में 20.11.2012 से 28.11.2012 तक अष्टानहिका पर्व में सिद्धचक्र महामंडल विधान
का आयोजन आप सभी सादर आमंत्रित है
बाहर से विधान में बैठने वालो की आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था है.
विशेष जानकारी के लिए फोन करे >09772726121 पर
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