Sunday, June 28, 2009

संयम

1.आत्म संयम से स्वर्ग प्राप्त होता है,किंतु असंयत,इन्द्रिय -लिप्सा अपार अंधकार पूर्ण नर्क के लिए खुला हुआ राजपथ है।
2.जो पुरूष समझ -बूझकर अपनी इच्छाओं का दमन करता है,उसे सभी सुखद वरदान प्राप्त होंगे।
3.यदि तुम्हारे एक शब्द से भी किसी को कष्ट पहुँचता है,तो तुम अपनी
भलाई नष्ट समझो।
4.आग का जला हुआ तो समय पाकर अच्छा हो जाता है,परन्तु वचन का घाव सदा हरा बना रहता है।
5.और किसी को चाहे तुम मत रोको,पर जिव्हा को अवश्य लगाम लगाओ क्योंकि बेलगाम की जिव्हा बहुत दुःख देती हैं।

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