Wednesday, September 11, 2013

        उत्तम मार्दव धर्म 



















































































































































आज का विचार 10.9.2013 से.3 रोहणी दिल्ली-85
कुलरूवजादिबुद्धिसु तवसुदसीलेसु गारवं किंचि 
जो णवि कुव्वदि समनो मद्दवधम्मं हवे तस्य 

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 10.9.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि जो मनस्वी पुरुष कुल,रूप, जाति, बुद्धि, तप, शास्त्र और शीलादि के विषय में थोड़ा-सा भी घमण्ड नहीं करता है, उसके मार्दव धर्म होता है.
जहाँ से नम्रता या लचीलापन आ जाता है वहाँ से ही मार्दव धर्म का प्रार्दुभाव होता है. 
विशेष > श्रमण मुनि श्री 108 विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
9से 18सितम्बर तक पर्युषण पर्व [दस लक्षण ] मनाये जा रहे है. 

सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254

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