आज का विचार 01.8.2013 से.3 रोहणी, दिल्ली 85
अनित्यानि शरीराणि विभवो नैव शाश्वत:
नित्य संनिहितोमृत्यु: कर्तव्यो धर्म संग्रह:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 01.8.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16 से.3 रोहिणी,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने कहा कि शरीर अनित्य है, वैभव स्थायी नहीं है और मृत्यु निकट है अत: धर्म का संग्रह करना चाहिए.
विशेष-2013का चातुर्मास, श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16से.3 रोहणी-दिल्ली85 में धूम धाम से चल रहा है.जिसमे सुबह 7.00से 8.00तक वसुनंदी श्रावकाचार,8.30से 9.30तक रत्नकरंडक श्रावकाचार, 3.00से 4.00तत्वार्थ सूत्र कि क्लासें,एवं गुरु भक्ति [संस्कार यात्रा] प्रतिदिन चल रही है.
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,09582492542
अनित्यानि शरीराणि विभवो नैव शाश्वत:
नित्य संनिहितोमृत्यु: कर्तव्यो धर्म संग्रह:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 01.8.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16 से.3 रोहिणी,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने कहा कि शरीर अनित्य है, वैभव स्थायी नहीं है और मृत्यु निकट है अत: धर्म का संग्रह करना चाहिए.
विशेष-2013का चातुर्मास, श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16से.3 रोहणी-दिल्ली85 में धूम धाम से चल रहा है.जिसमे सुबह 7.00से 8.00तक वसुनंदी श्रावकाचार,8.30से 9.30तक रत्नकरंडक श्रावकाचार, 3.00से 4.00तत्वार्थ सूत्र कि क्लासें,एवं गुरु भक्ति [संस्कार यात्रा] प्रतिदिन चल रही है.
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,09582492542
No comments:
Post a Comment