आज का विचार 26.7.2013 से.3 रोहणी, दिल्ली 85
स्याद्वादो विद्यते यत्र पक्षपातो न विद्यते
अहिन्साया: प्रधानत्वं जैनधर्म: स उच्यते
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 26.7.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16 से.3 रोहिणी,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने कहा कि >जिसमें स्याद्वाद है, पक्षपात नहीं है और अहिंसा की प्रधानता है वह जैनधर्म कहलाता है.
विशेष-2013का चातुर्मास श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16से.3 रोहणी-दिल्ली85 में धूम धाम से चल रहा है.जिसमे सुबह 7.00से 8.00तक वसुनंदी श्रावकाचार,8.30से 9.30तक रत्नकरंडक श्रावकाचार, 3.00से 4.00तत्वार्थ सूत्र कि क्लासें,एवं गुरु भक्ति [संस्कार यात्रा] प्रतिदिन चल रही है.
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,09582492542
स्याद्वादो विद्यते यत्र पक्षपातो न विद्यते
अहिन्साया: प्रधानत्वं जैनधर्म: स उच्यते
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 26.7.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16 से.3 रोहिणी,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने कहा कि >जिसमें स्याद्वाद है, पक्षपात नहीं है और अहिंसा की प्रधानता है वह जैनधर्म कहलाता है.
विशेष-2013का चातुर्मास श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर डी-16से.3 रोहणी-दिल्ली85 में धूम धाम से चल रहा है.जिसमे सुबह 7.00से 8.00तक वसुनंदी श्रावकाचार,8.30से 9.30तक रत्नकरंडक श्रावकाचार, 3.00से 4.00तत्वार्थ सूत्र कि क्लासें,एवं गुरु भक्ति [संस्कार यात्रा] प्रतिदिन चल रही है.
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,09582492542
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