Friday, May 10, 2013

आज का विचार 10.5.2013 अशोक एन्क्लेव पीरागढ़ी नई दिल्ली 87
वैराग्यात स्वसुख़म चैव वैराग्याद दु:खनाशनं
वैराग्यात कायआरोग्यं वैराग्याद मोक्षजम सुखं 












 


परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 10.5.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर अशोका एन्क्लेव पीरागढ़ी,नई दिल्ली87 में कहा कि वैराग्य से आत्मसुख प्राप्त होता है, वैराग्य से दुःख का नाश होता है, वैराग्य से शरीर में नीरोगता रहती है और वैराग्य से मोक्ष का सुख प्राप्त होता है.
विशेष > श्रमण विशोक सागर जी मुनिराज ससंघ 11.5.2013को सुबह 5.30 बजे विहार करके श्री दिगंबर जैन मंदिर सुन्दर विहार -87 पहुचेगें.13मई तक विराजमान रहेगे. 
नोट>परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी मुनिराज के ससंघ सानिध्य में अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाएगा जिसमें 12.5.2013को प्रात:6.30बजे से भक्तामर स्त्रोत का 24घन्टे का अखण्ड पाठ का आयोजन एवं 13.5.2013को भक्तामर स्त्रोत विधान संगीतमय ,मुनि श्री के विशेष प्रवचन सुनना न भूलें.
सम्पर्क सूत्र>9971366269,9810348587, 09582492542

1 comment:

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