आज का विचार 25.2.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर महावीर पार्क गुड़गाँव [हरियाणा]
वरं प्राण परित्यागो मानभंगे जीवनात
प्राणत्यागे क्षणं दु:ख़म मानभंगे दिने-दिने
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 25.2.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर महावीर पार्क गुड़गाँव [हरियाणा ] में कहा कि अपमान कराकर जीने की अपेक्षा प्राण त्याग देना अधिक अच्छा है, क्योंकि प्राण त्यागने का दु:ख तो एक क्षण का दु:ख है, जबकि अपमानित होकर जीने का दु:ख जीवनपर्यंत पल-पल में दु:ख देता रहता है.
अपमानपूर्वक जीने से मृत्यु अच्छी है. अपमानपूर्वक हजार वर्ष जीने की अपेक्षा सम्मान के साथ एक घड़ी भर जीना अच्छा है.जो धूलि पैर से आहत होने पर उड़कर आहत कर्त्ता के सिर पर चढ़ जाती है, वह अपमान होने पर भी शांत बने रहने वाले शरीरधारी मनुष्य से श्रेष्ठ है.
आचार्य श्री धर्मानंदी मुनिराज ससंघ, परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ ,बालमुनी श्री सौरभ सागर जी,के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर, महावीर पार्क गुडगाँव [हरियाणा] में
श्रमण श्री विभंजन सागर जी का दूसरा दीक्षा दिवस मनाया जाएगा .आप सभी जरुर आ करके संतो का आशीर्वाद प्राप्त करे.
सम्पर्क सूत्र >09582041206,09312099136
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