आज का विचार 24.2.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर महावीर पार्क गुड़गाँव [हरियाणा]
तृणं लघु तृणात्तूलं तूलादपि च याचक:
वायुनाम किं न नीतोसौ मामयं याचमिष्यति
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 24.2.2013 श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर महावीर पार्क गुड़गाँव [हरियाणा ] में कहा कि संसार में सबसे हल्का घास है, घास से हलकी रुई है और रुई से भी हल्का याचक है. प्रश्न है कि यदि याचक घास और रुई से भी हल्का है तो जब वायु उन दोनों-घास और रुई-को उड़ा ले जाती है तो याचक को क्यों नहीं उड़ा ले जाती ? इस पर उसका स्वयं ही उत्तर है कि वायु इस भय से उसे नहीं उड़ा ले जाती,क्योंकि वह जानती है कि याचक उससे भी याचना करेगा, इसलिए वह उसे छोड़कर निकल जाती है.
याचक अर्थात माँगने वाला इस संसार में बहुत हेय द्रष्टि से देखा जाता है.
आचार्य श्री धर्मानंदी मुनिराज ससंघ, परम पूज्य श्रमण श्री विशोक सागर जी ससंघ ,बालमुनी श्री सौरभ सागर जी,के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन महावीर मंदिर, महावीर पार्क गुडगाँव [हरियाणा] में
श्रमण श्री विभंजन सागर जी का दूसरा दीक्षा दिवस मनाया जाएगा .आप सभी जरुर आ करके संतो का आशीर्वाद प्राप्त करे.
सम्पर्क सूत्र >08882597474,09582041206
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