Tuesday, February 12, 2013






आज का विचार 12.2.2013 श्री सिद्धांत तीर्थ शिकोहपुर क्षेत्र -गुड़गाँव [हरियाणा]
पर-प्रोक्तगुणों यस्तु निर्गुणोपि गुणी भवेत
इन्द्रोपी लघुताम याति स्वयं प्रख्यापितैर्गुनै:

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 12.2.2013श्री अतिशय क्षेत्र कासन गुड़गाँव [हरियाणा ] में कहा कि जिसके गुणों की प्रशंसा दूसरे लोग करते हैं, वह थोड़े गुणों वाला अथवा गुणों से रहित होने पर भी गुणवान कहलाता है. इसके विपरीत अपने गुणों की आप प्रशंसा करने वाला इंद्र भी गुणी नहीं बन पाता, अपितु आत्मप्रशंसा के दोष से दूषित होने से छोटा हो जाता है.
वास्तविक गुणी वहीँ है जो दूसरो से प्रशंसा पाए. राजा इंद्र भी अपनी प्रशंसा स्वयं अपने मुख से करने लगे तो वे क्षुद्रता को प्राप्त हो जाते हैं. 
12.2.2013 मंगलवार को शिकोहपुर क्षेत्र से गुड़गाँव के लिए विहार 
13.2.2013 में गुड़गाँव में मंगल प्रवेश 
सम्पर्क सूत्र >08882597471,09728217916

No comments: