Saturday, January 5, 2013

आज का विचार [5.1.2013] महू ग्राम तहसील हिंडोन [करोली]राज.
एकमेवाक्षरं यस्तु गुरु: शिष्यं प्रबोधयेतपृथिव्याम नास्ति तद द्रव्यं यद्दत्वा चान्रनिभवेत 
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र महावीर जी बड़ा मंदिर मेन मार्केट महावीर जी [करोली] राज. में आज 5.1.2013 में कहा कि जो गुरु अपने शिष्य को एकाक्षर -"तत्त्वमसि"तुम ब्रहम हो, आत्मा हो, शरीर नहीं -के रूप में सच्चे तत्त्वज्ञान का उपदेश देता है, वह अपने शिष्य को मिथ्या मायामोह से हटा कर ब्रह्म का साक्षात्कार कराता है. इस संसार में ऐसा कोई मूल्यवान पदार्थ नहीं जिसे गुरु को अर्पण करके शिष्य गुरु के ऋण से उऋण हो सके.
महावीर जी से अतिशय क्षेत्र तिजारा जी की मंगल यात्रा 2जन. से 25जन. तक 
हिन्डोन,भुसावर,महुआ, मंडावर,गाड़ी सवाई राम, लक्ष्मणगढ़, वरोदामेव,अलवर,होते हुए तिजारा पहुचेगें.
तिजारा में 26जनवरी 2013 को मुनि द्वय के केशलोंच होंगे.
सम्पर्क >राहुल जैन >9772726121-09968132650

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