आज का विचार 22.12.2012 गंगापुरसिटी[सवाईमाधोपुर] राज.
एक एव पदार्थस्तु त्रिधा भवति वीक्षित:
कुणप:कामिनी मानसं योगिभि:कामिभि: श्वभि:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज श्री दिगम्बर जैन आदिनाथ बड़ा मंदिर मेन मार्केट गंगापुरसिटी [सवाईमाधोपुर] राज. में कहा कि.एक ही पदार्थ देखने वालो के द्रष्टिकोण की भिन्नताके कारण तीन भिन्न-भिन्न रूपोंमें दिखाई देता है.स्त्री का शरीर योगियों के लिए शवरूप है तो कामियो के लिए सौन्दर्य का भण्डार है और कुत्तोंके लिए मांसपिण्ड है.
चीजको देखने-देखने में अंतर होता है. जो घास पशु के चर कर पेट भरने की चीज हो सकती है.वैद्य हकीम के लिए वह जड़ी-बूटी हो सकती है जबकि किसी सौन्दर्य उपासक के लिए वही घास सौन्दर्य की चीज हो सकती है.
नोट >परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज,श्रमण विभंजन सागर जी,क्षु. विश्वपदम सागर जी ससंघ का महावीर जी के लिए विहार चल रहा है.
25दिसंबर 2012 मंगलवार को 8.30 प्रात: अतिशय क्षेत्र महावीर जी में भव्य मंगल प्रवेश
हैप्पी न्यू ईयर महावीर जी में मनाया जायेगा .सभी गुरु भक्त पहुंच कर तीर्थ वंदना कर एवं गुरु का आशीर्बाद प्राप्त कर जीवन को मंगलमय बनाये.
विशेष जानकारी के लिए फोन करे >09772726121
नोट >आज 23.12.2012 को श्री महावीर जी के लिए विहार हुआ
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