Monday, October 5, 2009

अन्न दान

अन्नदान के समान दान,समता के समान तप,वीतराग के समान देव और दया के समान धर्म नहीं है।
एक लाख घोडे,गायों का समूह,पृथ्वी दान,सुवर्ण और चाँदी के पात्र इन सब का जो दान दिया जाता है परन्तु वह अन्नदान के समान नहीं है क्योंकि अन्नदान ही प्रधान है।
अन्नदान देने वाले के हाथ के नीचे तीर्थंकर भी अपना हाथ करते है अतः अन्नदान की उपमा किस दान से की जाए,कहो

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