पाप से दुःख और धर्म से सुख मिलता है,यह समस्त जनों में प्रसिद्द है इसलिए सुख के इच्छुक मनुष्य को पाप छोड़कर सदा धर्म का आचरण करना चाहिए
जिनेन्द्र भगवान की भक्ति करने पर विघ्नों के समूह,शाकिनी,भूत और सर्प नष्ट हो जाते है तथा विष निर्विष्ता को प्राप्त हो जाता है।
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