Sunday, November 17, 2013

आज का विचार 16.11.2013 से.3 रोहणी दिल्ली-85
रम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 16.11.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि नरक गति में इतने दु:ख हैं जहाँ की भूमि का स्पर्श करते ही असह्य वेदना, होती है जो हजार बिच्छुओं के एक साथ काटने काटने पर भी नहीं होती . भूख, प्यास, मारण, तारण, कुम्भीपाक आदि अनेक दु:खों से भरा हुआ नरकवास है. वहाँ एक क्षण भी साता नहीं है. तिर्यंच गति में छेदन, भेदन, भूख, प्यास, भारवहन शीत, उष्ण वध-बंधन आदि के अनेक दु:ख हैं . मनुष्य गति में रोग-शोक, इष्ट-वियोग, अनिष्ट-संयोग व त्रष्णा की दाह आदि अनेक असह्य दु:ख प्रत्यक्ष द्रष्टिगोचर हो रहे हैं देवगति में यद्यपि शारीरिक दु:ख नहीं हैं परन्तु इष्ट का वियोग, ईर्ष्या, शोक तृष्णा आदि मान सिक दु:ख अपार है. चारों ही गतियों में शारीरिक और मानसिक दु:खों का अनुभव करता हुआ और पंचेन्द्रिय सु:खों को ही सुख मानता हुआ यह अज्ञानी प्राणी अनादि काल से अनेक दु:खों में जलता हुआ संसार में भ्रमण करा रहा है. आचार्य श्री ने खेद प्रगट किया है कि आत्मा परमात्मा के सद्र्श होते हुए भी अपने वास्तविक स्वरूप को भूल कर दु:खमय संसार में भटक रहा है, आत्महित कीओर लक्ष्य नहीं दे























































ता है.
विशेष > श्रमण मुनि श्री108विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
9से 18 नवम्बर तक श्री 1008कल्पद्रुम महामण्डल विधान,18नवम्बर को विश्व शान्ति महायज्ञ[हवन]
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254
पारस चैनल पर 1सितम्वर2013 39 वां अवतरण दिवस का कार्यक्रम 18नवम्बर को शाम 8.40 पर दिखाया जायेगा.एवं 10 नवम्बर 2013 पिच्छिका परिवर्तन का कार्यक्रम 20नवम्बर को शाम 8.40 पर दिखाया जायेगा.आप सभी जरुर देखे .यह मैसेज सभी को सेंड करे.

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