आज का विचार 23.8.2013 से.3 रोहणी दिल्ली-85
काले विणये अवधाने, बहुमाने तहेव निंहवने
वंजण अत्थ तदुभये, विणओ णाणम्मि अठ्ठ विहो
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 23.8.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि जिस स्वाध्याय में ज्ञान विनय के आठ अंगों की परिपालना का अभाव है उस स्वाध्याय से कर्मों की निर्जरा नहीं हो सकती अत: ज्ञान विनय के आठ भेदों के स्वरूप को जानना-समझना अत्यंत आवश्यक है.
जैसे काल,विनय,उपधान,बहुमान,निह्नव,व ्यंजन शुद्धि, अर्थशुद्धि,उभय शुद्धि,ये आठ प्रकार की विनय है.
विशेष > श्रमण मुनि श्री 108 विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
1 सितम्बर2013 को 9.15बजे सुबह 39 अवतरण दिवस् मनाया जायेगा.
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254
काले विणये अवधाने, बहुमाने तहेव निंहवने
वंजण अत्थ तदुभये, विणओ णाणम्मि अठ्ठ विहो
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 23.8.2013 श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर,दिल्ली-85 में मुनि श्री ने आज कहा कि जिस स्वाध्याय में ज्ञान विनय के आठ अंगों की परिपालना का अभाव है उस स्वाध्याय से कर्मों की निर्जरा नहीं हो सकती अत: ज्ञान विनय के आठ भेदों के स्वरूप को जानना-समझना अत्यंत आवश्यक है.
जैसे काल,विनय,उपधान,बहुमान,निह्नव,व
विशेष > श्रमण मुनि श्री 108 विशोक सागर जी ससंघ श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में विराजमान है.
1 सितम्बर2013 को 9.15बजे सुबह 39 अवतरण दिवस् मनाया जायेगा.
सम्पर्क सूत्र-9899948475, 9810570747,0958249254
No comments:
Post a Comment