आज का विचार 1.5.2013जनकपुरी नई दिल्ली58
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 1.5.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर जनकपुरी-सी2 ,नई दिल्ली58 में कहा कि >ज्ञान,मिथ्यामत रूपी अन्धकार को नष्ट करने के लिए सूर्य है.ज्ञान,जगत का नेत्र है. ज्ञान नीति रूपी नदी के लिए समुद्र है. ज्ञान,कषाय को नष्ट करने वाला है.ज्ञान,मुक्ति का वशीकरण मन्त्र है. निर्मल ज्ञान,मन को पवित्र करने वाला है. ज्ञान,स्वर्ग-गति की ओर प्रस्थान करने का नगाड़ा है और ज्ञान, लक्ष्मी का निदान कारण है.
विशेष >2मई को श्रमण विशोक सागर जी मुनिराज के ससंघ सानिध्य में परम पूज्य गणाचार्य 108 श्री विराग सागर जी महामुनिराज का 50वी स्वर्ण जन्म जयंती श्री दिगंबर जैन मंदिर सी-2ए जैन मंदिर मार्ग जनकपुरी दिल्ली58 में मनाई जायेगी.
सम्पर्क सूत्र >9958166684,09582492542
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