Monday, April 15, 2013

आज का विचार 15.4.2013 विकासपुरी नई दिल्ली18
वरं विषम भक्षितमुग्रदोषम,वरं प्रविष्टम ज्वलेनतिरौद्रे
वरं कृतानताय निवेदितम स्वं,न जीवितं तत्त्व विवेक मुक्तं 

परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 15.4.2013 श्री दिगंबर जैन मंदिर m ब्लाक विकासपुरी,नई दिल्ली-18 में कहा कि >तीव्र दोष उत्पन्न करने वाला विष खा लेना कुछ अच्छा है, भयंकर अग्नि में प्रविष्ट हो जाता कुछ अच्छा है और यम के [मृत्यु के] लिए अपने आपको सौंप देना कुछ अच्छा है परन्तु तत्त्वज्ञान से रहित जीवन व्यतीत करना अच्छा नहीं है.
विशेष > मुनि श्री विशोक सागर जी ससंघ का 16.4.2013 को 7.00बजे श्री दिगंबर जैन मंदिर बी-1जनकपुरी,नई दिल्ली 18,के लिए विहार होगा वहीं पर 18अप्रैल तक विराजमान रहेंगे.
सम्पर्क सूत्र >09810125371,09810291816,09582732349

2 comments:

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