आज का विचार 04.2.2013 रेवाड़ी [हरियाणा]
न निर्मित: केन न द्रष्टपूर्व:न श्रूयते हेममय: कुरंग
तथापि तृष्णा रघुनन्दनस्य विनाशकाले विपरीतबुद्धि:
परम पूज्य श्रमण 108 श्री विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 02.1.20.13 को श्री दिगंबर जैन मंदिर जैन गली रेवाड़ी [हरियाणा ] में कहा कि सोने का म्रग न तो किसी ने बनाया,न पहले से बना हुआ सुना है और न ही कहीं किसी ने देखा है, फिर भी श्रीराम उसे पाने के लिए उत्सुक हो उठे और उसके पीछे भाग पड़े . वास्तविकता यह है की विनाश के समय मनुष्य की बुद्धि उसका साथ नहीं देती. संकट आने पर मनुष्य के सोचने की शक्ति जाती रहती है.
विनाश आने से पहले बुद्धि उलटी हो जाती है.
9.2.2013 शनिवार को अष्टपद तीर्थ जैन मंदिर बिलासपुर चोक गुडगाँव में भगवान् आदिनाथ का निर्वाणोत्सव एवं सह्स्रकूट जिनालय का शिलान्यास ,
सम्पर्क सूत्र >0839799122,09728217916
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