Friday, January 11, 2013

आज का विचार 11.1.2013मंडावर तह. महुआ, जिला दौसा [राज.]
त्यजन्ति मित्राणि धनैर्विहिनम, दाराश्च भृत्याश्च सुह्यज्जनाश्च
तं   चार्थवानतम   पुनराश्रयनते,   अर्थो   हि   लोके   पुरुषस्य   बंधु: 
परम पूज्य 108 श्रमण विशोक सागर जी मुनिराज ने आज 11.1.2013 को श्री दिगम्बर जैन आदिनाथ मंदिर मंडावर तह.महुआ-जिला दौसा[राज.]में कहा कि मनुष्य धनहीन हो जाता है तो उसे सभी, मित्र सेवक और सम्बन्धी यहां तक कि स्त्री आदि सब के सब छोड़देते हैं,जब कभी संयोग से वही व्यक्ति फिर कहीं धनवान हो जाता है तो उसे छोड़ जाने वाले वहीं सम्बन्धी सेवक आदि फिर उसके पास लौट आते हैं
  जहाँ इस संसार में धन के महत्व को स्थापित किया है वहीं मनुष्य के स्वभाव की जानकारी दी है. सुखमय समय में उसके साथ सुख बांटने  सभी लोग आ एकत्र होते हैं -दुःख बांटने का नंबर आते देख लोग अलग हट जाते हैं .
मुनि संघ का विहार चल रहा है 12को गढ़ी सवाई राम में आहार, 13 को लक्ष्मणगढ़ 14 को बढ़ोदामेव, 
16 जनवरी को अलवर में प्रवेश                                      
                                          महावीर से तिजारा की यात्रा 
  25जनवरी 2013को तिजारा जी में मंगल प्रवेश
26जनवरी को मुनि द्वय का तिजारा में भव्य केशलोंच समारोह
  विशेष जानकारी के लिए सम्पर्क करे > 09772726121,8882597474 

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